बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी जिबली स्टाइल फोटो के साथ बीजेपी-एनडीए पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि 65% आरक्षण की सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया, जिससे दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के युवाओं को बड़ा नुकसान हो रहा है।
तेजस्वी ने अपने एक्स (Twitter) अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा,
“आरक्षण चोर बीजेपी-एनडीए जवाब दें! हमारी सरकार ने 17 महीनों के कार्यकाल में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए 65% आरक्षण बढ़ाया, लेकिन भाजपा ने इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला?”
अमित शाह पर तीखा पलटवार: ‘चुनाव बाद सब जुमला बन जाता है’
तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनावी राजनीति के लिए झूठे वादे करती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा,
“जब चुनाव आते हैं, तो ये लोग बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद सब जुमला बन जाता है।”
उन्होंने बीजेपी के बिहार को दी गई आर्थिक सहायता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“अगर प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार को पैसा दिया है, तो वे यह बताएं कि कहां-कहां और कितनी राशि दी गई? इसका पूरा विवरण सार्वजनिक किया जाए।”
बाढ़ नियंत्रण पर सरकार को घेरा
तेजस्वी ने बिहार में बाढ़ नियंत्रण के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा,
“क्या बिहार में 20 साल से तालिबान की सरकार है, जो यहां अब तक बाढ़ नियंत्रण पर कोई ठोस काम नहीं हुआ?”
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि जब भी उनकी सरकार राज्य में बनती है, तो केंद्र की मदद ठप कर दी जाती है, जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं।
आरक्षण से वंचित हो रहे युवा, BJP पर बड़ा आरोप
तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी बीजेपी-एनडीए पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिलने वाले 16% अतिरिक्त आरक्षण का नुकसान हो रहा है।
“बीजेपी सरकार नौकरियों में कटौती कर रही है और जिन वर्गों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, उनकी नौकरियां छीन रही है।”
बिहार चुनाव से पहले तेज हुई सियासी जंग
तेजस्वी यादव के इन बयानों के बाद बिहार में सियासी माहौल गरमा गया है। आरक्षण, विकास और नौकरियों जैसे मुद्दों को लेकर आरजेडी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है।
आगामी चुनावों से पहले यह बयानबाजी बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ ला सकती है। अब देखना होगा कि बीजेपी-एनडीए इस पर क्या जवाब देती है।