बिहार में इस साल चुनाव होने वाले हैं और जातीय जनगणना अब सियासत का बड़ा मुद्दा बन चुकी है। हर पार्टी इस पर अपनी-अपनी राजनीति खेल रही है—कोई पोस्टर लगा रहा है तो कोई बयानबाज़ी कर रहा है।
इसी बीच आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी अपनी बात खुलकर रखी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर किया और लिखा: “जातिगत जनगणना तो बस शुरुआत है, पिक्चर अभी बाकी है…”
तेजस्वी ने इस बहस के जरिए कुछ बड़ी मांगें भी सामने रखीं:
- पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित सीटें
- प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण
- सरकारी टेंडर में आरक्षण
- न्यायपालिका में आरक्षण
- मंडल आयोग की बाकी सिफारिशों को लागू करना
- जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण
- बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
- राज्य के लिए स्पेशल इकोनॉमिक पैकेज
जातिगत जनगणना तो शुरुआत है, पिक्चर अभी बाक़ी है:-
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 2, 2025
• पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र
• निजी क्षेत्र में आरक्षण
• ठेकेदारी में आरक्षण
• न्यायपालिका में आरक्षण
• मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करेंगे
• आबादी के अनुपात में आरक्षण देंगे
• बिहार के… pic.twitter.com/fGOacT8pK2
तेजस्वी ने बीजेपी और संघ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग बराबरी की बात पसंद नहीं करते, वो अब भी हम पर तंज कसेंगे। लेकिन जब हमारा एजेंडा लोगों को पसंद आएगा, तो यही लोग उसे ‘मास्टर स्ट्रोक’ बताकर अपना लेंगे।
तेजस्वी ने सवाल उठाया – “ये लोग इतने खोखले और बेशर्म कैसे हो सकते हैं?”
इससे साफ है कि जातीय जनगणना आने वाले चुनाव में तेजस्वी का बड़ा हथियार बनने वाली है। वो न सिर्फ सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं, बल्कि बीजेपी पर भी खुलकर हमला बोल रहे हैं।