बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि शराबबंदी कानून बना मज़ाक। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून की आड़ में गरीब, दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि असली शराब माफिया आज़ाद घूम रहे हैं।
राजद कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, तेजस्वी ने खुलासा किया कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध शराब कारोबार चल रहा है। अब तक करीब 14.20 लाख लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं, जिनमें सबसे अधिक गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग हैं।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने सरकार की पोल खोल दी है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के बिना बिहार में शराब की तस्करी नहीं हो सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि आज पुलिस का यह काम भ्रष्टाचार, उगाही और कानून का दुरुपयोग करने वालों को संरक्षण देना बन गया है।
उन्होंने पूछा कि लाखों लोगों को गिरफ्तार करने के बावजूद, अभी तक बड़े सप्लायर और माफिया क्यों नहीं गिरफ्तार किए गए? उन्होंने कहा, “किसी जिले के एसपी, डीएसपी या किसी बड़े पदाधिकारी पर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हुई?” तेजस्वी ने आरोप भी लगाया कि सरकार चुनिंदा लोगों पर ही कार्रवाई करती है, और यह चयनात्मक न्याय लोकतंत्र के खिलाफ है।
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कहा कि यदि शराबबंदी को वास्तव में सफल बनाना है, तो उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी जो भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं और तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती को राजद हर पंचायत के दलित टोले और मोहल्लों में मनाएगी, ताकि समाज में समानता और संविधान के मूल्यों को मजबूत किया जा सके।