ट्रेड वॉर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि चीन अमेरिका के साथ व्यापारिक बैठक को तैयार है और दोनों देश एक “बहुत ही बेहतरीन डील” की ओर बढ़ रहे हैं। ट्रंप के इस बयान ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है, खासकर तब जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव चरम पर है। ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन सहित हर देश अमेरिका से मिलना चाहता है।
जब ट्रंप से यह पूछा गया कि क्या उन्हें इस बात की चिंता है कि उनके सहयोगी देश अब चीन के साथ ज्यादा नज़दीक हो रहे हैं, तो उन्होंने बेझिझक “नहीं” में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल 2025 को मैक्सिको के राष्ट्रपति के साथ उनकी एक “बेहद उपयोगी और सकारात्मक” बातचीत हुई है। इसके साथ ही उन्होंने जापान के शीर्ष कारोबारी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की, जिसे उन्होंने “उत्कृष्ट” बताया।
ट्रंप ने स्पष्ट कहा कि चीन को बातचीत के लिए खुद आगे आना होगा। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया, “चीन को हमारे साथ समझौता करना चाहिए, हमें नहीं। अब गेंद चीन के पाले में है।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिका अपनी शर्तों पर बातचीत करेगा और चीन से किसी भी विशेष रियायत की उम्मीद नहीं रखता।
ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाया कि वह बोइंग के एक बड़े सौदे से पीछे हट गया है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए सबसे जरूरी है निष्पक्ष व्यापार और राष्ट्रीय हित।”
दूसरी ओर, चीन ने ट्रंप के बयानों पर कड़ा पलटवार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, “यदि अमेरिका वास्तव में विवादों को बातचीत से सुलझाना चाहता है, तो उसे धमकी, दबाव और ब्लैकमेल की नीति छोड़नी होगी।” उन्होंने कहा कि अमेरिका को समानता और पारस्परिक सम्मान के आधार पर बातचीत करनी चाहिए।
चीन का यह रुख साफ करता है कि वह दबाव में नहीं आने वाला, जबकि अमेरिका अपनी शर्तों पर समझौते की कोशिश कर रहा है। लेकिन ट्रंप की आत्मविश्वासी टिप्पणी यह भी संकेत देती है कि आगामी हफ्तों में अमेरिका और चीन के बीच एक नई व्यापारिक रणनीति सामने आ सकती है।