नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा सभी आयातित वाहनों पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा के बाद भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। टाटा मोटर्स, जो लग्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर (JLR) की मालिक है, के शेयरों में 6% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि JLR की अमेरिकी बाजार पर अत्यधिक निर्भरता इसकी प्रमुख वजह है, क्योंकि 2024 में इसकी कुल बिक्री का एक तिहाई हिस्सा अमेरिका से आया था।
अन्य ऑटो कंपनियों पर भी पड़ा असर
सिर्फ टाटा मोटर्स ही नहीं, बल्कि अन्य भारतीय ऑटो कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई। यूरोपीय बाजारों में प्रमुख भूमिका निभाने वाली सम्वर्धन मदरसन इंटरनेशनल के शेयर 7% तक गिर गए। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 1.6% नीचे आ गया, जिसमें भारत फोर्ज, अशोक लीलैंड, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज़, आयशर मोटर्स, बजाज ऑटो, अपोलो टायर्स, MRF, TVS मोटर कंपनी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और हीरो मोटोकॉर्प जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में 0.2% से 3% तक की गिरावट दर्ज की गई।
भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा असर
भारतीय शेयर बाजार ने भी ट्रम्प के टैरिफ ऐलान के कारण सुस्ती दिखाई। NSE निफ्टी 50 सूचकांक 0.23% गिरकर 23,433.95 पर बंद हुआ, जबकि BSE सेंसेक्स 0.26% गिरकर 77,087.39 पर पहुंच गया। ऑटो सेक्टर पर इसका सर्वाधिक असर देखा गया, जहां ऑटो इंडेक्स में 1.4% की गिरावट आई।
ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए आगे की चुनौतियाँ
अमेरिकी टैरिफ का भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यह कंपनियां अमेरिका को वाहन निर्यात करती हैं। बढ़ी हुई लागत और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में संभावित व्यवधान से न केवल वाहनों की कीमतें बढ़ सकती हैं, बल्कि इससे रोजगार पर भी असर पड़ सकता है। उद्योग के विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इन नीतियों का व्यापक आर्थिक असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है