तुर्की में एक व्यंग्यकार्टूनिस्ट को पैगंबर मोहम्मद पर विवादित कार्टून प्रकाशित करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस्तांबुल की लोकप्रिय पत्रिका Leman में छपे इस कार्टून में पैगंबर मोहम्मद और पैगंबर मूसा को मिसाइलों की बारिश के बीच हवा में अभिवादन करते दिखाया गया था। कार्टून के प्रकाशित होते ही देशभर में भारी आक्रोश फैल गया। इस विवाद के बाद इस्लामिक संगठनों से जुड़े युवाओं ने पत्रिका के दफ्तर पर हमला कर पत्थरबाजी की।
पुलिस कार्रवाई और सरकारी बयान
तुर्की के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर बताया कि कार्टूनिस्ट (पहचान DP के रूप में) को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। वीडियो में कार्टूनिस्ट को हथकड़ी लगाकर पुलिस के साथ ले जाते हुए दिखाया गया। न्याय मंत्री यिलमाज टुंच ने कहा कि पत्रिका के खिलाफ धार्मिक मूल्यों का सार्वजनिक रूप से अपमान करने के आरोप में जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, कोई भी स्वतंत्रता किसी भी विश्वास के पवित्र मूल्यों का घिनौना मजाक उड़ाने का अधिकार नहीं देती।
धार्मिक भावनाएं बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
यह घटना तुर्की में अभिव्यक्ति की आज़ादी और धार्मिक संवेदनशीलता के टकराव की नई बहस को जन्म दे गई है। सरकार का कहना है कि ऐसे कार्टून सामाजिक सौहार्द और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, जबकि कई पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं।
चार्ली हेब्दो हमले की याद
इस घटना ने 2015 में फ्रांस की पत्रिका चार्ली हेब्दो पर हुए आतंकी हमले की भी याद दिला दी, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने के बाद 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी। तुर्की की घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि धार्मिक प्रतीकों पर व्यंग्य या आलोचना करने वाले कलाकारों और पत्रकारों को किस तरह के खतरों का सामना करना पड़ता है।
तुर्की में पैगंबर मोहम्मद पर कार्टून प्रकाशित करने के बाद कार्टूनिस्ट की गिरफ्तारी और पत्रिका पर हमला, धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच गहरे टकराव का ताजा उदाहरण है। सरकार ने इसे घिनौना मजाक बताते हुए सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस पर बहस तेज हो गई है।