लखनऊ: कांग्रेस की नई चाल ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 से पहले सूबे की राजनीति में हलचल तेज़ कर दी है। भले ही चुनाव अभी दो साल दूर हों, लेकिन राज्य के तमाम राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। कहीं जिलाध्यक्ष बदले जा रहे हैं, तो कहीं बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने की कवायद शुरू हो चुकी है। विपक्ष, सत्तारूढ़ बीजेपी को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है, तो वहीं बीजेपी भी विपक्ष की पिछली नीतियों और अपनी सरकार की उपलब्धियों के सहारे जवाब देने की तैयारी कर रही है।
इस बीच कांग्रेस नेता और बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया ने एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि दलित वोट बैंक एक बार फिर कांग्रेस की ओर लौट रहा है, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत है।
कांग्रेस की नई चाल बसपा से गठबंधन की कोशिश जारी: पुनिया
झांसी में मीडिया से बातचीत करते हुए तनुज पुनिया ने बताया कि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने याद दिलाया कि प्रियंका गांधी ने 2019 से 2022 के बीच भी इस दिशा में प्रयास किए थे, लेकिन बसपा की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बावजूद, कांग्रेस बसपा के साथ गठबंधन की संभावनाएं टटोलती रहेगी।
कांग्रेस की नई चाल से क्या आकार लेगा नया गठबंधन?
तनुज के इस बयान ने यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कांग्रेस की ओर से एक रणनीतिक दांव हो सकता है, खासतौर पर तब, जब बसपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली, जबकि कांग्रेस ने 6 और सपा ने 36 सीटें जीतीं।
सियासी जानकारों का यह भी मानना है कि बसपा का पारंपरिक वोट बैंक अब सपा और कांग्रेस की तरफ खिसक रहा है, जिससे मायावती की पार्टी को नुकसान हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2027 के विधानसभा चुनावों में बसपा कांग्रेस के साथ मंच साझा करेगी — वो भी तब, जब समाजवादी पार्टी (सपा) भी इसी गठबंधन का हिस्सा हो?
क्या अखिलेश यादव मानेंगे गठबंधन का फार्मूला?
अगर कांग्रेस और बसपा एक मंच पर आते हैं, तो क्या सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस रणनीति को स्वीकार करेंगे? क्या यूपी में एक बड़ा विपक्षी गठबंधन आकार ले सकेगा या फिर दलों के बीच की खींचतान 2027 के समीकरण बदल देगी?
यह तय है कि आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश की राजनीति और भी रोचक मोड़ ले सकती है।