नई दिल्ली। बुधवार शाम को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवाओं में अचानक आई तकनीकी खराबी ने पूरे देश में डिजिटल लेनदेन को बाधित कर दिया। लाखों उपयोगकर्ता PhonePe, Google Pay, Paytm जैसे लोकप्रिय पेमेंट ऐप्स पर ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ रहे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस समस्या की पुष्टि करते हुए कहा कि तकनीकी दिक्कत को जल्द ही ठीक कर दिया गया और सेवा अब सामान्य हो गई है।
क्या था मामला? क्यों ठप हुई यूपीआई सेवा?
बुधवार शाम को यूपीआई से जुड़ी कई ट्रांजैक्शन विफल होने लगीं। उपयोगकर्ताओं ने Downdetector जैसे प्लेटफॉर्म पर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें लेनदेन में असफलता, कनेक्टिविटी की समस्या और पेमेंट प्रोसेसिंग में देरी का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान HDFC बैंक सहित कई बैंकों की सेवाएं बाधित हो गईं, जबकि ICICI बैंक जैसी कुछ बैंकों की सेवाएं सामान्य बनी रहीं।
क्या है यूपीआई और क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
यूपीआई भारत की सबसे तेज़ और लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट प्रणाली है, जिसे NPCI द्वारा विकसित किया गया है और यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित होती है। इसकी खासियत यह है कि यह बिल्कुल मुफ्त है और उपयोगकर्ता किसी भी समय, किसी भी राशि का भुगतान कर सकते हैं। छोटे व्यापारियों और दुकानदारों के लिए यह बेहद लाभकारी है क्योंकि इसमें कोई न्यूनतम लेनदेन सीमा नहीं होती।
यूपीआई में एक AutoPay फीचर भी मौजूद है, जिससे बिल भुगतान और सब्सक्रिप्शन जैसी सेवाओं के लिए स्वचालित भुगतान सेट किया जा सकता है।
क्यों दिखती हैं अलग-अलग यूपीआई आईडी?
अगर आपने गौर किया हो, तो अलग-अलग ऐप्स में यूपीआई आईडी का फॉर्मेट थोड़ा अलग हो सकता है। इसका कारण यह है कि प्रत्येक ऐप किसी विशेष बैंक के साथ मिलकर सेवाएं प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, Google Pay में @oksbi, @okhdfcbank, @okaxis, @okicici जैसी आईडी देखने को मिलती हैं, जो उस ऐप के पार्टनर बैंक को दर्शाती हैं।
जल्द हुआ समाधान, अब सबकुछ सामान्य
हालांकि, यह तकनीकी गड़बड़ी कुछ घंटों तक बनी रही, लेकिन NPCI ने तेजी से कार्रवाई करते हुए यूपीआई सेवाओं को जल्द ही बहाल कर दिया। अब उपयोगकर्ता बिना किसी समस्या के डिजिटल भुगतान कर सकते हैं। एनपीसीआई ने इस असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी समस्या से बचने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
डिजिटल इंडिया की रीढ़ बनी यूपीआई प्रणाली में यह अस्थायी बाधा जरूर आई, लेकिन तेज़ समाधान से यह साबित हुआ कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी को आगे बढ़ाने के लिए हर स्तर पर तैयारी पूरी है।