22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भारत का खुलकर समर्थन किया है। अमेरिका ने पाकिस्तान से इस हमले की निष्पक्ष जांच में पूरा सहयोग देने की सख्त मांग की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने देर रात भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से अलग-अलग बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और भारत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है।
भारत के साथ मज़बूत साझेदारी
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अमेरिका का करीबी रणनीतिक साझेदार है। रुबियो ने कहा कि अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों का साथ और भी मजबूत और असरदार होगा।
पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव
पाकिस्तान से बातचीत में अमेरिका ने सख्त लहजा अपनाते हुए कहा कि हमले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सज़ा दिलाना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है। अमेरिका ने साफ कर दिया कि अगर पाकिस्तान सहयोग नहीं करता, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।
शांति की अपील, लेकिन भारत को खुला समर्थन
अमेरिका ने दोनों देशों से बातचीत के जरिए शांति बनाए रखने की बात जरूर की है, लेकिन भारत को मिला खुला समर्थन ये दिखाता है कि अब दुनिया भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से ले रही है। साथ ही पाकिस्तान से जवाबदेही भी चाहती है।