अमेरिका की शैक्षणिक संस्थाएँ दुनियाभर के छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं, जहाँ उच्च शिक्षा, शोध के अवसर और वैश्विक नेटवर्किंग के द्वार खुलते हैं। भारतीय छात्रों की संख्या यहाँ लगातार बढ़ रही है; 2023 में 2.6 लाख से अधिक भारतीय छात्र अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ में दर्ज थे, जो कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों का 20% है। यह आँकड़ा न केवल भारत के शैक्षणिक उत्साह को दर्शाता है, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय छात्रों के योगदान को भी रेखांकित करता है। हालाँकि, हाल ही में अमेरिकी दूतावास की एक चेतावनी ने इस सपने को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
27 मई 2025 को जारी एक आधिकारिक बयान में दूतावास ने स्पष्ट किया कि यदि छात्र वीज़ा की शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो न केवल उनका वर्तमान वीज़ा रद्द हो सकता है, बल्कि भविष्य में अमेरिका आने का अवसर भी समाप्त हो सकता है। यह चेतावनी क्यों दी गई? छात्र अपने वीज़ा को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं? इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए इस मुद्दे के हर पहलू को समझना आवश्यक है।
चेतावनी की पृष्ठभूमि और प्रमुख बिंदु
अमेरिकी दूतावास की यह चेतावनी कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती अनियमितताओं का परिणाम है। कोविड-19 महामारी के बाद से अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ ने ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया, जिसका लाभ उठाकर कुछ छात्रों ने पढ़ाई के साथ-साथ अनधिकृत रोजगार शुरू कर दिए या क्लासेज़ में नियमित भागीदारी नहीं दिखाई।
अमेरिकी सरकार के आँकड़ों के अनुसार, 2024 में 8,700 से अधिक छात्र वीज़ा इसलिए रद्द किए गए क्योंकि उन्होंने अपनी शैक्षणिक स्थिति की समय पर रिपोर्ट नहीं की या कोर्स से अनुपस्थित रहे। इसके अलावा, 2023 में भारत से 14 लाख वीज़ा आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1.4 लाख छात्र वीज़ा थे। इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों के साथ, अमेरिकी अधिकारियों के लिए नियमों का पालन सुनिश्चित करना प्राथमिकता बन गया है।
दूतावास ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि F-1 वीज़ा धारकों के लिए “छात्र स्टेटस” बनाए रखना अनिवार्य है। यह स्टेटस तभी बरकरार रहता है जब छात्र पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में नामांकित हो और अकादमिक प्रगति दिखाए। उदाहरण के लिए, स्नातक छात्रों को प्रति सेमेस्टर कम से कम 12 क्रेडिट घंटे पूरे करने होते हैं, जबकि स्नातकोत्तर छात्रों के लिए यह संख्या 9 है। यदि कोई छात्र बिना मेडिकल या अन्य आपातकालीन कारणों के एक सेमेस्टर में 20% से अधिक क्लासेज़ मिस करता है, तो उसके वीज़ा को रद्द किए जाने का खतरा बढ़ जाता है।
साथ ही कोर्स बदलने, विश्वविद्यालय ट्रांसफर करने, या पढ़ाई छोड़ने की स्थिति में 15 दिनों के भीतर SEVP (Student and Exchange Visitor Program) को सूचित करना अनिवार्य है। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों को न केवल तुरंत देश छोड़ने का नोटिस मिल सकता है, बल्कि भविष्य में अमेरिकी वीज़ा पाने की संभावना भी समाप्त हो सकती है।
छात्र वीज़ा के नियमों का विस्तृत विवरण
F-1 वीज़ा, जो अमेरिका में शैक्षणिक अध्ययन के लिए जारी किया जाता है, के साथ कई शर्तें जुड़ी होती हैं। सबसे पहले, छात्र को पूर्णकालिक नामांकन बनाए रखना होता है। इसका अर्थ है कि उन्हें प्रत्येक सेमेस्टर में निर्धारित क्रेडिट घंटे पूरे करने होंगे। यदि कोई छात्र स्वास्थ्य या पारिवारिक आपात स्थिति के कारण क्रेडिट घंटे कम करना चाहता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय (ISO) से अनुमति लेनी होगी। दूसरी महत्वपूर्ण शर्त है अकादमिक प्रगति।
प्रत्येक यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए न्यूनतम GPA निर्धारित करती है, जैसे 2.0 या उससे अधिक। यदि कोई छात्र लगातार असंतोषजनक प्रदर्शन करता है या एक कोर्स में बार-बार फेल होता है, तो संस्थान उसकी रिपोर्ट इमीग्रेशन अधिकारियों को भेज सकता है।
इसके अलावा, छात्रों को अनधिकृत रोजगार से बचना चाहिए। F-1 वीज़ा पर कैंपस के बाहर काम करने के लिए CPT (Curricular Practical Training) या OPT (Optional Practical Training) की अनुमति आवश्यक है। बिना अनुमति के काम करने को वीज़ा नियमों का गंभीर उल्लंघन माना जाता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र एमबीए के वीज़ा पर अमेरिका जाता है, लेकिन वहाँ केवल ड्राइविंग स्कूल में दाखिला लेता है, तो यह पढ़ाई के उद्देश्य से विचलन माना जाएगा। ऐसे मामलों में वीज़ा रद्द करने के साथ-साथ छात्र को देश छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह और समाधान
अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए विशेषज्ञों का मुख्य सुझाव है कि वे हमेशा अपने यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय छात्र कार्यालय (ISO) के संपर्क में रहें। ISO छात्रों और सरकार के बीच एक सेतु का काम करता है। न्यूयॉर्क स्थित इमीग्रेशन वकील प्रियंका शर्मा के अनुसार, छात्रों को हर महीने अपने ISO अधिकारी से मिलना चाहिए। यदि उन्हें लगता है कि उनका GPA गिर रहा है या वे कोर्स का बोझ नहीं संभाल पा रहे, तो तुरंत मदद लेनी चाहिए।
मेडिकल या आपात स्थितियों में छात्रों को दस्तावेज़ीकरण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्र को स्वास्थ्य कारणों से क्लास मिस करनी पड़े, तो उसे डॉक्टर का प्रमाणपत्र प्राप्त करके ISO को लिखित सूचना देनी चाहिए। कुछ यूनिवर्सिटीज़ मेडिकल लीव की सुविधा भी देती हैं, जिसमें छात्र एक सेमेस्टर के लिए पढ़ाई रोक सकता है बिना वीज़ा स्टेटस खोए। हालाँकि, इस प्रक्रिया के लिए समय पर आवेदन और औपचारिकताएँ पूरी करना आवश्यक है।
कोर्स बदलने या यूनिवर्सिटी ट्रांसफर करने की स्थिति में SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) रिकॉर्ड को अपडेट करना अनिवार्य है। छात्रों के पास नया कोर्स शुरू होने या ट्रांसफर होने के 15 दिनों के भीतर इसकी सूचना देनी होती है। इसके अलावा, यदि कोई छात्र OPT (Optional Practical Training) के दौरान कोर्स बदलता है, तो उसकी कार्य अनुमति समाप्त हो सकती है।
आँकड़ों की कहानी और भारतीय छात्रों का प्रभाव
2023 में अमेरिका ने भारतीय छात्रों को 1.4 लाख से अधिक छात्र वीज़ा जारी किए, जो 2019 की तुलना में 48% अधिक है। यह संख्या न केवल भारतीय छात्रों के बीच अमेरिकी शिक्षा की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए उनके योगदान को भी उजागर करती है। अनुमान है कि भारतीय छात्र प्रति वर्ष 8.1 बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं, जिसमें ट्यूशन फीस, रहने का खर्च और अन्य व्यय शामिल हैं।
STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) कोर्सेज़ भारतीय छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय हैं, जिनमें 82% छात्र दाखिला लेते हैं। इसके बाद बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (12%) और सामाजिक विज्ञान (6%) का स्थान आता है। यह प्रवृत्ति अमेरिकी श्रम बाजार में STEM पृष्ठभूमि के पेशेवरों की माँग को भी दर्शाती है।
वीज़ा रद्द होने के बाद की स्थिति और कानूनी विकल्प
यदि किसी छात्र का वीज़ा रद्द कर दिया जाता है, तो उसे 30 दिनों के भीतर अमेरिका छोड़ना होगा। गंभीर उल्लंघनों की स्थिति में, जैसे कि धोखाधड़ी या आव्रजन नियमों का जानबूझकर उल्लंघन, छात्र पर 10 साल तक के लिए अमेरिकी वीज़ा पर प्रतिबंध लग सकता है। हालाँकि, कुछ मामलों में छात्र USCIS (United States Citizenship and Immigration Services) के पास माफ़ी याचिका (Reinstatement) दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें साबित करना होगा कि उल्लंघन अनजाने में हुआ था और भविष्य में नियमों का पालन किया जाएगा। प्रियंका शर्मा के अनुसार, “60% मामलों में, सही दस्तावेज़ और स्पष्टीकरण देकर स्टूडेंट स्टेटस वापस पाया जा सकता है।”
छात्रों के लिए गाइडलाइन्स: संकट से बचाव के उपाय
छात्रों को सेमेस्टर शुरू होते ही ISO से मिलकर कोर्स की आवश्यकताएँ और नवीनतम नियम समझने चाहिए। कई यूनिवर्सिटीज़ बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का उपयोग करती हैं, इसलिए क्लासेज़ छोड़ने से बचना चाहिए। सोशल मीडिया पर वीज़ा से जुड़ी गलत सलाह, जैसे “क्लास छोड़ने से कुछ नहीं होता,” पर भरोसा नहीं करना चाहिए। आपातकालीन स्थितियों के लिए वित्तीय बचत रखना और ISO या भारतीय दूतावास से संपर्क की जानकारी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है।