भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के सिद्धांतों पर टिका है, जो हमारे संविधान में लिखे हैं। संविधान के नियम, जैसे अनुच्छेद 19 और 21, नागरिकों को बोलने की आजादी, शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठा होने का हक और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देते हैं। ये अधिकार लोगों को अपनी बात कहने और सरकार से सवाल पूछने की ताकत देते हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार इन अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है। ताकि वह अपनी सत्ता को मजबूत कर सके और विरोध करने वालों को चुप करा सके। यह लेख बताता है कि कैसे बीजेपी ने लोगों की आजादी पर रोक लगाई है।
देश में बोलने की आजादी पर हमला
बीजेपी सरकार पर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों को चुप कराने का आरोप है, जो उसकी नीतियों की आलोचना करते हैं।
पत्रकारों पर दबाव और आज़ादी पर सवाल
सरकार पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और राजद्रोह जैसे कानूनों का गलत इस्तेमाल कर पत्रकारों को डराने का इल्जाम है। इसका असर प्रेस की स्वतंत्रता पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, 2025 में भारत प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 देशों में 151वें स्थान पर रहा, जो पत्रकारिता की बिगड़ती स्थिति को दर्शाता है। वहीं, हमारा पड़ोसी देश नेपाल इस सूची में 90वें स्थान पर है, जो भारत की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति को दर्शाता है।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक (2025 से 2019 तक)
देश | 2025 रैंक | 2025 स्कोर | 2024 रैंक | 2024 स्कोर | 2023 रैंक | 2023 स्कोर | 2022 रैंक | 2022 स्कोर | 2021 रैंक | 2021 स्कोर | 2020 रैंक | 2020 स्कोर | 2019 रैंक | 2019 स्कोर |
भारत 🇮🇳 | 151 | 32.96 | 159 | 31.28 | 161 | 36.62 | 150 | 41.00 | 142 | 53.44 | 142 | 56.47 | 140 | 54.33 |
भूटान 🇧🇹 | 152 | 32.62 | 147 | 32.29 | 90 | 59.25 | 33 | 76.46 | 65 | 71.14 | 107 | 71.00 | 80 | 70.19 |
ताजिकिस्तान 🇹🇯 | 153 | 32.01 | 153 | 32.55 | 152 | 31.90 | 152 | 31.74 | 162 | 45.38 | 161 | 46.98 | 161 | 45.98 |
यमन 🇾🇪 | 154 | 31.45 | 154 | 33.67 | 168 | 32.78 | 169 | 29.14 | 167 | 36.63 | 167 | 37.72 | 168 | 35.81 |
इराक 🇮🇶 | 155 | 30.56 | 160 | 34.20 | 172 | 28.58 | 172 | 27.99 | 163 | 37.10 | 162 | 37.87 | 156 | 27.55 |
सूडान 🇸🇩 | 156 | 30.34 | 145 | 35.73 | 140 | 40.83 | 151 | 39.63 | 159 | 42.66 | 159 | 44.66 | 175 | 21.58 |
बहरीन 🇧🇭 | 157 | 30.24 | 173 | 23.41 | 173 | 23.61 | 171 | 28.12 | 168 | 34.48 | 169 | 34.79 | 167 | 30.76 |
पाकिस्तान 🇵🇰 | 158 | 29.62 | 152 | 33.90 | 150 | 39.95 | 157 | 37.99 | 145 | 53.14 | 145 | 54.48 | 142 | 54.17 |
इंटरनेट बंद और सोशल मीडिया पर नियंत्रण
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में 84 बार इंटरनेट बंद किया गया, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। यह अक्सर विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया जाता है, जिससे गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक
संविधान का अनुच्छेद 19(1)(b) लोगों को शांतिपूर्वक इकट्ठा होने का अधिकार देता है। लेकिन बीजेपी सरकार पर इसे बलपूर्वक दबाने का आरोप है।
- किसान आंदोलन (2020-21): नवभारतटाइम्स के अनुसार, किसानों के विरोध को रोकने के लिए सरकार ने बैरिकेड्स लगाए, इंटरनेट काटा और पानी-बिजली की सप्लाई बंद की।
राजस्थान में विरोध का दमन
राजस्थान में बीजेपी सरकार, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में, विरोध करने वालों को कुचल रही है। निर्मल चौधरी का मामला इसका बड़ा उदाहरण है।
- निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी: नवभारतटाइम्स के अनुसार, 21 जून 2025 को राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता निर्मल चौधरी को उनकी परीक्षा के बीच में गिरफ्तार किया गया। यह 2022 के एक पुराने मामले में हुआ, जिसमें उन पर अवैध जमावड़ा और सरकारी काम में बाधा जैसे आरोप थे। यह मामला एक डॉक्टर की आत्महत्या से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। तीन साल बाद अचानक गिरफ्तारी से लगता है कि यह एक सक्रिय छात्र नेता को डराने की कोशिश थी।
यह क्यों गलत है?
भारत का लोकतंत्र इस बात पर टिका है कि लोग अपनी सरकार से सवाल पूछ सकें। बीजेपी की ये हरकतें लोकतंत्र को कमजोर करती हैं:
- संविधान का उल्लंघन: बोलने और इकट्ठा होने की आजादी को दबाना संविधान के खिलाफ है।
- लोकतंत्र पर खतरा: विरोध को कुचलने से लोग अपनी बात नहीं रख पाते, जिससे सरकार की जवाबदेही खत्म होती है।
- डर का माहौल: गिरफ्तारियां और कानूनी कार्रवाई से लोग डरने लगते हैं।
- युवाओं का हौसला तोड़ना: निर्मल जैसे युवा नेताओं को निशाना बनाकर सरकार युवाओं को चुप कराना चाहती है।
भारत का लोकतांत्रिक कर्तव्य
भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां हर नागरिक को अपनी बात कहने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का हक है। बीजेपी की नीतियां सत्तावाद की ओर इशारा करती हैं, जो भारत की विविधता और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
लोकतंत्र को बचाने के लिए सरकार को चाहिए:
- बोलने और इकट्ठा होने के अधिकारों का सम्मान करना।
- यूएपीए और राजद्रोह जैसे कानूनों का दुरुपयोग बंद करना।
- पुलिस कार्रवाइयों को पारदर्शी बनाना।
- विरोध को लोकतंत्र की ताकत मानना।
भारत के लोग अपनी सरकार से जवाब मांगने का हक रखते हैं। हमें जागरूक रहकर उन आजादियों को बचाना होगा, जो हमारे देश को खास बनाती हैं।