वक्फ बिल पर JDU की सफाई सामने आई है, लेकिन जवाबों से ज़्यादा चुप्पी चर्चा में रही। शुक्रवार को पटना स्थित जेडीयू प्रदेश कार्यालय में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। पार्टी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जोरदार बचाव किया।
प्रेस वार्ता में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशरफ अंसारी, प्रवक्ता अंजुम आरा, कई एमएलसी और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मौजूद रहे। अशरफ अंसारी ने कहा, “नीतीश कुमार ने कभी किसी धर्म या समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया है। जेडीयू एकजुट है, किसी भी नेता ने इस्तीफा नहीं दिया। हमारे 52 संगठन सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।”
वक्फ बिल पर JDU की सफाई में अंजुम आरा ने बताया कि पार्टी ने केंद्र सरकार को पांच अहम सुझाव दिए, जिनमें से सभी को स्वीकार कर लिया गया है:
- भूमि राज्य का विषय है, इसलिए राज्य को प्राथमिकता मिले।
- बिल को पूर्व प्रभाव से लागू न किया जाए।
- रजिस्टर्ड न होने पर भी धार्मिक स्थलों को संरक्षित रखा जाए।
- वक्फ विवादों का निपटारा ज़िला अधिकारी से ऊपर स्तर के अधिकारी करें।
- डिजिटलीकरण की समयसीमा छह महीने तक बढ़ाई जाए।
हालांकि वक्फ बिल पर JDU की सफाई ने आधिकारिक रुख तो स्पष्ट किया, लेकिन जैसे ही पत्रकारों ने कड़े सवाल पूछे, किसी भी नेता ने जवाब नहीं दिया। सभी ने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर दी और हॉल से बाहर निकल गए।
यह स्थिति वक्फ बिल पर JDU की सफाई को अधूरी बना गई। बयान तो दिए गए, लेकिन सवालों से बचाव ने यह साबित कर दिया कि पार्टी इस मुद्दे पर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।