पुणे की 22 साल की लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनोली को शुक्रवार रात कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी एक वायरल इंस्टाग्राम वीडियो को लेकर हुई, जिसमें उन पर एक धर्म विशेष और पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक बातें कहने का आरोप है। विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने माफी मांग ली थी और वीडियो भी डिलीट कर दिया था।
शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं?
शर्मिष्ठा पुणे लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं और सोशल मीडिया पर एक जाना-पहचाना नाम हैं। वो अकसर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर बोलती हैं। 14 मई 2025 को उन्होंने एक पाकिस्तानी यूजर के कमेंट के जवाब में वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और बॉलीवुड के रवैये पर सवाल उठाए थे।
वायरल वीडियो में क्या था?
वीडियो में उन्होंने शुरुआत में राजनीतिक प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन बाद में आरोप लगे कि उन्होंने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद को लेकर अपमानजनक बातें कही हैं। इसके बाद सोशल मीडिया पर #ArrestSharmistha ट्रेंड करने लगा और उन्हें धमकियां भी मिलने लगीं। अगले दिन उन्होंने माफी मांगकर वीडियो हटा दिया, मगर तब तक मामला कानूनी बन चुका था।
सोशल मीडिया पर माफीनामा
15 मई को शर्मिष्ठा ने लिखा:
मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगती हूं। मेरा मकसद किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था। अगर किसी को बुरा लगा हो तो मुझे माफ कर दें। मैं आगे से ज्यादा जिम्मेदारी से बोलूंगी।
कानूनी कार्रवाई
कोलकाता पुलिस ने बताया कि वीडियो को लेकर कई शिकायतें आईं। उन्होंने शर्मिष्ठा को कई बार नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और उन्हें गुरुग्राम से अरेस्ट कर कोलकाता लाया गया। उनके फोन और लैपटॉप भी जब्त कर लिए गए हैं।
शनिवार को अलीपुर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका और पुलिस रिमांड दोनों खारिज कर दीं। अब वह 13 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में रहेंगी।
पुलिस की सफाई
कोलकाता पुलिस ने कहा:
हमने सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। नोटिस भी भेजे गए थे, लेकिन वो उपस्थित नहीं थीं। हम लोगों से अपील करते हैं कि अफवाहें न फैलाएं और भरोसेमंद जानकारी पर ही यकीन करें।
किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?
शर्मिष्ठा पर भारतीय न्याय संहिता की ये धाराएं लगाई गई हैं:
- धारा 196(1)(a): समुदायों में नफरत फैलाना
- धारा 299: धार्मिक भावनाएं आहत करना
- धारा 352: जानबूझकर अपमान करना
- धारा 353(1)(c): सार्वजनिक अशांति भड़काना
उनके वकील मोहम्मद शमीमुद्दीन का कहना है कि गिरफ्तारी गैरकानूनी है और सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस की अनदेखी की गई है।
#ReleaseSharmistha: कंगना का सपोर्ट
एक्ट्रेस और नेता कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा का समर्थन करते हुए कहा:
हो सकता है कि उसने अपनी बात थोड़ा तीखे अंदाज़ में कही हो, लेकिन युवाओं में ये आम है। उसने माफी मांग ली है, अब उसे डराना और परेशान करना बंद होना चाहिए।
कंगना के बयान के बाद लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं, कुछ समर्थन में हैं, तो कुछ उन्हें नफरत फैलाने वालों का समर्थन करने का दोष दे रहे हैं।
अबू आज़मी का बयान
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी ने कहा:
ऐसे मामलों में सख्त कानून बनने चाहिए, कम से कम 10 साल की सजा होनी चाहिए। धर्म और राजनीति के हिसाब से कानून का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
बहस का मुद्दा: अभिव्यक्ति बनाम आस्था
इस मामले ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी की सीमा क्या होनी चाहिए और धार्मिक भावनाओं की कितनी सुरक्षा होनी चाहिए। कुछ लोग इसे नफरत फैलाने वाला बयान मानते हैं, तो कुछ का मानना है कि माफी के बाद गिरफ्तारी जरूरी नहीं थी।
फिलहाल शर्मिष्ठा जेल में हैं, और केस आगे बढ़ रहा है, लेकिन बहस यहीं खत्म नहीं हुई है।