अमेरिकी नेता डोणल्ड ट्रंप की नई शुल्क नीति ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को चिंता में डाल दिया है। वह इस समस्या को गंभीर मानते हुए केंद्रीय सरकार को एक पत्र लिखा है और निवेदन किया है कि वह राज्य के एक्वा किसानों और निर्यातकों को शुल्क के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए तुरंत कदम उठाएं।
नायडू ने केंद्र से क्या कहा?
चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि भारत से झींगा जैसी समुद्री चीजों को अमेरिका के लगाए गए अधिक शुल्कों से मिलना चाहिए छूट। उन्होंने कहा कि ऐसा न होता है तो राज्य के बहुत से किसान की जिंदगी पर खतरा हो सकता है।
क्या है टैरिफ का असर?
अमेरिका ने भारत से आनेेवाले पानी के सामान पर कुल 34.15% टैक्स (27% टैरिफ + 5.77% काउंटरवेलिंग ड्यूटी + 1.38% एंटी-डंपिंग ड्यूटी) लगाया है।
इस टैरिफ की तुलना में इक्वाडोर जैसे देशों पर सिर्फ 10% टैक्स लगाया जा रहा है।
इसके परिणामस्वरूप भारत से झींगा महंगा हो जाएगा और भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो जाएगी।
5 लाख किसान संकट में
आंध्र प्रदेश झींगा और मछली उत्पादन में देश का नेता राज्य है। यहाँ 5 लाख से अधिक एक्वा किसान काम करते हैं, जिनमें से अधिकांश पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों से हैं। यदि निर्यात कम हो जाए तो ये किसान उत्पादन कम करने के लिए बाध्य हो जाएंगे और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा।
उद्योग भी प्रभावित होंगे
टैरिफ के तौर पर टैक्स देने के कारण केवल किसान ही नहीं, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स और पैकेजिंग इंडस्ट्री में काम करने वाले हजारों लोग भी प्रभावित होंगे। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
आंध्र की भूमिका कितनी बड़ी है?
2023-24 में भारत ने लगभग 1.84 मिलियन टन एक्वा उत्पादों का उत्पादन किया, जिसमें आंध्र प्रदेश का अन्तर्गत 0.94 मिलियन टन रहा। इसमें से 76% झींगा और 24% मछली हैं। अर्थात देश के एक्वा निर्यात की रीढ़ आंध्र ही है।