ट्यूबरक्युलोसिस (टीबी) को कभी अतीत की बीमारी माना जाता था, लेकिन वर्ल्ड टीबी डे 2025 के मौके पर यह साफ हो चुका है कि यह बीमारी एक बार फिर गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के 82 लाख नए मामले सामने आए, जो 1995 के बाद से सबसे ज्यादा हैं। टीबी अब कोविड-19 को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण बन गया है, जिससे 12.5 लाख लोगों की जान गई।
टीबी क्या है?
टीबी एक संक्रामक रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों (पल्मोनरी टीबी) को प्रभावित करता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है, जिसे एक्सट्रापल्मोनरी टीबी कहा जाता है।
टीबी के मुख्य लक्षण
सामान्य लक्षण:
- लगातार बुखार रहना
- ठंड लगना
- रात में पसीना आना
- भूख कम लगना
- वजन तेजी से घटना
- हमेशा थकान महसूस होना
फेफड़ों से जुड़ी टीबी (पल्मोनरी टीबी) के लक्षण:
- तीन सप्ताह से अधिक खांसी रहना
- सीने में दर्द
- खांसी में बलगम आना, कभी-कभी खून के धब्बे दिखना
शरीर के अन्य हिस्सों में टीबी (एक्सट्रापल्मोनरी टीबी) के लक्षण:
टीबी अगर फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों को प्रभावित करती है, तो उसके लक्षण उस अंग पर निर्भर करते हैं।
- लिम्फ नोड्स (गांठें): गले या शरीर के किसी अन्य हिस्से में सूजन
- हड्डियां और जोड़: जोड़ों में दर्द और विकृति
- गुर्दे (किडनी): पेशाब में खून आना
- मस्तिष्क (मेनिनजाइटिस): सिरदर्द, भ्रम और बेहोशी
कैसे फैलती है टीबी और कैसे बचाव करें?
टीबी हवा के जरिए फैलती है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है। इससे बचाव के लिए—
✔ टीकाकरण (BCG वैक्सीन) कराएं
✔ टीबी रोगियों की समय पर पहचान और उपचार जरूरी है
✔ संक्रमित व्यक्ति मास्क पहनें और स्वच्छता बनाए रखें
निष्कर्ष
वर्ल्ड टीबी डे 2025 पर हमें इस बीमारी की गंभीरता को समझना होगा। यह सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। टीबी की समय पर पहचान और सही इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। जागरूकता ही इस बीमारी को हराने का सबसे बड़ा हथियार है!