इजरायल ने ईरान पर एक बड़ा हमला किया है। इस हमले में इजरायल ने ईरान के दो परमाणु ठिकानों और कई मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया। यह हमला ड्रोन और मिसाइल की मदद से किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, यह 2025 की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इजरायली वायुसेना (IAF) ने बेहद सटीक और लक्षित हमले किए। इस ऑपरेशन में नतांज परमाणु केंद्र, बैलिस्टिक मिसाइल डेवलपमेंट सेंटर और कुछ प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को निशाने पर लिया गया। हमलों के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं और वहां इमरजेंसी घोषित कर दी गई।
इजरायली प्रधानमंत्री का बयान
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन हमारे देश के अस्तित्व की रक्षा के लिए जरूरी था। उन्होंने इसे ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है और कहा कि यह अभियान तब तक चलेगा जब तक ईरान का परमाणु खतरा खत्म नहीं हो जाता। उनका कहना था कि यह एक टारगेटेड ऑपरेशन है, जो एकतरफा और रक्षात्मक है।
परमाणु खतरे को बताया बड़ा संकट
नेतन्याहू ने साफ कहा कि ईरानी शासन अगर परमाणु हथियार हासिल कर लेता है तो यह केवल इजरायल नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा होगा। उन्होंने कहा, हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। इजरायली सरकार ने यह भी बताया कि यह हमला आत्मरक्षा के तहत किया गया है।
ईरान सरकार ने भी हमले की पुष्टि कर दी है। ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि इजरायल ने दो परमाणु साइट्स पर हमला किया है। इसे ईरान ने एक आक्रामक सैन्य कार्रवाई करार दिया है। तेहरान और अन्य बड़े शहरों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
अमेरिका ने खुद को ऑपरेशन से अलग किया
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रेस स्टेटमेंट में कहा कि इजरायल ने इस हमले से पहले अमेरिका को जानकारी दी थी। लेकिन अमेरिका इस ऑपरेशन में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की पहली प्राथमिकता मध्य पूर्व में तैनात अपने सैनिकों की सुरक्षा है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अमेरिकी सैनिकों को निशाना न बनाया जाए।
अमेरिका ने दिया रणनीतिक समर्थन
हालांकि अमेरिका ने खुद को सीधे हमले से अलग बताया, लेकिन उन्होंने इजरायल को रणनीतिक समर्थन देने की बात कही है। अमेरिका ने यह भी कहा है कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए है और किसी भी उकसावे पर संयम से काम लेगा।
हमले के बाद ईरान में भारी हलचल देखी जा रही है। राजधानी तेहरान में कई धमाकों की खबर है। अस्पतालों में आपातकाल लागू कर दिया गया है। सेना को पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया है। कई शहरों में इंटरनेट सेवा भी बाधित हुई है ताकि अफवाहें न फैल सकें।
दुनियाभर में बढ़ा तनाव
इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव और बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन और रूस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। सभी को डर है कि यह हमला एक बड़े युद्ध की शुरुआत न बन जाए।
फिलहाल यह साफ नहीं है कि ईरान इस हमले का जवाब देगा या नहीं। लेकिन दोनों देशों के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। दुनिया की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि यह टकराव और कितना आगे जाएगा।