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अनुप्रिया पटेल ने की बड़ी मांग: ओबीसी क्रीमी-लेयर सीमा ₹8 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख करने की अपील

माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल की लोकप्रियता में काफ़ी गिरावट आई है, आजकल ओबीसी समाज के बीच ख़ुद को साबित करने की कोशिश मे अनुप्रिया कड़ी मेहनत कर रही है।

लखनऊ: अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को एक बार फिर ओबीसी क्रीमी-लेयर की आय सीमा बढ़ाने की पुरज़ोर मांग की। वर्तमान सीमा ₹8 लाख है, जिसे बढ़ाकर कम से कम ₹15 लाख करने का आग्रह उन्होंने केंद्र सरकार से किया है।

क्यों ज़रूरी है सीमा में बढ़ोतरी?

पटेल का कहना है कि मौजूदा सीमा अब बदलते सामाजिक-आर्थिक हालात के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। कई ओबीसी परिवार केवल इस सीमा के कारण आरक्षण और योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। अगर सीमा बढ़ाई जाती है तो अधिक से अधिक परिवारों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण का हक़ मिल पाएगा।

यूपी में आउटसोर्स नियुक्तियों पर असर

अनुप्रिया पटेल ने दावा किया कि उनके निरंतर प्रयासों का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने और उनके मानदेय को ₹16,000 से ₹20,000 तक बढ़ाने के फैसले को मंज़ूरी दी है।

ओबीसी मंत्रालय की भी वकालत

पटेल ने यह भी कहा कि ओबीसी समाज की वास्तविक तरक्की के लिए एक अलग पिछड़ा वर्ग मंत्रालय बनना चाहिए। इससे नीतियाँ और बजट सीधे तौर पर ओबीसी कल्याण को समर्पित होंगे।

संगठन को संदेश

बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की और कहा, “हमारी संगठनात्मक ताकत ही हमारी मांगों को सफल बनाती है। यही ताकत आगे भी हमें हमारे लक्ष्य तक ले जाएगी।”

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प्रिंस पटेल एक लेखक, शिक्षक, चुनावी रणनीतिकार तथा राजनीतिक विश्लेषक है। प्रिंस पटेल सामाजिक न्याय की लड़ाई में पिछड़ों (OBC) का प्रतिनिधित्व करते हुए आकड़ों की प्रस्तुति तथा उससे संबधित हकों की बात रखते हैं, साथ ही "All India OBC Student Association" के बिहार प्रांत अध्यक्ष मनोनीत है। उनकी पहली पुस्तक "प्रीतिहास" जो एक महिला कबड्डी खिलाड़ी पर लिखी हुई उपन्यास है तथा दूसरी पुस्तक "कृष्णार्ण" में बिहार राजनीत तथा बहुजनो के हक एंव अधिकार से संबंधित लड़ाईयों की व्याख्या सहित लालू प्रसाद के राजनैतिक जीवन को उल्लेखित किया गया है।

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