गुजरात समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में केंद्र सरकार ने गुजरात सरकार को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) छात्रों के लिए हॉस्टल बनाने के लिए एक भी रुपए का अनुदान नहीं दिया।
इसी अवधि में गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, मणिपुर, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्यों को इस उद्देश्य के लिए अलग-अलग राशि प्रदान की गई, लेकिन गुजरात को कुछ भी नहीं मिला।
इस स्थिति के कारण गुजरात के कई ओबीसी छात्रों को महंगे प्राइवेट पीजी (पेइंग गेस्ट) या हॉस्टल में रहना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए भारी बोझ है। सरकारी हॉस्टल उपलब्ध न होने से इन छात्रों के शैक्षणिक अवसर सीमित हो जाते हैं, खासकर गरीब पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए, क्योंकि सस्ती और सुरक्षित आवासीय सुविधा उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए बेहद जरूरी है।
रिपोर्ट में इसे गुजरात के ओबीसी छात्रों के साथ बड़ा अन्याय बताया गया है और यह भी उजागर किया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से अन्य राज्यों की तुलना में फंडिंग में भारी असमानता है। इसमें कहीं भी यह संकेत नहीं दिया गया कि यह समस्या राज्य स्तर की प्रशासनिक वजहों से पैदा हुई है; सीधे तौर पर इसे पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा फंड जारी न करने का परिणाम बताया गया है।
गुजरात में ओबीसी छात्रों के लिए हॉस्टल फंड शून्य: 5 साल से केंद्र से नहीं मिला अनुदान
पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार ने गुजरात को ओबीसी छात्रों के लिए हॉस्टल निर्माण हेतु कोई फंड नहीं दिया, जबकि कई अन्य राज्यों को अनुदान मिला।

गुजरात में ओबीसी छात्रों के लिए हॉस्टल फंड शून्य
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