पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त रवैये से पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान के नेता अब परमाणु हमले की धमकियों का सहारा ले रहे हैं। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने यहां तक कह दिया है कि यदि उनके अस्तित्व को खतरा हुआ, तो वे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने में देर नहीं करेंगे। भारत के खिलाफ ऐसे बयानों के कारण उनका आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट भारत में बैन कर दिया गया है।
भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात
हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका जताई जा रही है। हालाँकि भारत की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कड़े निर्णय जरूर लिए गए हैं, जिसने तनाव को और गहरा किया है। इस बीच, कई लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर युद्ध होता है, तो संयुक्त राष्ट्र (UN) इसमें कब और कैसे दखल देता है?
संयुक्त राष्ट्र कब करता है हस्तक्षेप?
संयुक्त राष्ट्र का प्राथमिक उद्देश्य है, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसकी स्थापना इसी उद्देश्य से हुई थी। युद्ध या संघर्ष की स्थिति में यूएन का हस्तक्षेप कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे:
- संघर्ष की तीव्रता
- सदस्य देशों की सहमति
- मानवीय संकट की गंभीरता
- यूएन चार्टर के तहत निर्णय प्रक्रिया
संयुक्त राष्ट्र युद्ध शुरू होते ही तुरंत हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि हालात का मूल्यांकन करता है और फिर अपने चैनलों के माध्यम से कदम उठाता है।
युद्ध के दौरान UN के कदम क्या होते हैं?
- मानवीय सहायता:
युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में खाना, पानी, दवाइयाँ और आवश्यक सेवाएं पहुँचाना। - शरणार्थी सहायता:
विस्थापित लोगों को सुरक्षित आश्रय और पुनर्वास प्रदान करना। - मध्यस्थता और संवाद:
संघर्षरत देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए वार्ता प्रक्रिया में मदद करना। - शांति मिशन:
यूएन की शांति सेना को भेजकर ज़मीनी स्तर पर संघर्ष को रोकने की कोशिश करना।