बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाए। पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर आंकड़ों के साथ एक पोस्ट साझा किया और सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।
शराबबंदी के नाम पर गरीबों की गिरफ्तारी हो रही है
आरजेडी ने लिखा कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 9,36,949 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और 14,32,837 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से लगभग 14,20,700 गिरफ्तार व्यक्ति यानी 99% से अधिक गरीब, दलित, पिछड़े और अति-पिछड़े वर्गों से आते हैं।
शराब आखिर आ कहां से रही है?
आरजेडी ने सरकार से सीधा सवाल किया—जब इतनी बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां और मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, तो फिर भी 3 करोड़ 86 लाख 96 हजार 570 लीटर शराब बिहार में कहां से और किसकी मिलीभगत से आ रही है?
पार्टी ने पूछा कि जब शराब पर प्रतिबंध है, तो उसकी आपूर्ति कौन कर रहा है? क्या बिहार पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल नहीं उठने चाहिए?
शराबबंदी बना भ्रष्टाचार और उगाही का ज़रिया
आरजेडी ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार और पुलिस ने शराबबंदी को अवैध वसूली, तस्करी और भ्रष्टाचार का सशक्त औजार बना लिया है। पार्टी ने दावा किया कि शराबबंदी के नाम पर राज्य में 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का काला बाज़ार चल रहा है, जो एक समानांतर अर्थव्यवस्था की तरह काम कर रहा है।
9 साल की शराबबंदी, लेकिन समाधान नहीं
गौरतलब है कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 को शराबबंदी कानून लागू किया गया था। इससे पहले 9 जुलाई 2015 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महिला कार्यक्रम में वादा किया था कि चुनाव जीतने पर वे शराबबंदी लागू करेंगे। अब इस कानून को 9 साल हो चुके हैं, लेकिन इससे जुड़े सवाल और विवाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं, खासतौर पर चुनावी साल में।
बिहार में शराबबंदी कानून के तहत अब तक 𝟗 लाख 𝟑𝟔 हजार 𝟗𝟒𝟗 मुकदमें दर्ज किए गए है जिसके तहत 𝟏𝟒 लाख 𝟑𝟐 हजार 𝟖𝟑𝟕 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। आश्चर्यजनक है कि इन 𝟏𝟒𝟑𝟐𝟖𝟑𝟕 में से लगभग 𝟏𝟒,𝟐𝟎𝟕𝟎𝟎 से अधिक गिरफ़्तार लोग यानि 𝟗𝟗% से भी अधिक गरीब, दलित, पिछड़े…
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) April 21, 2025
गिरफ्तारी में भी असमानता, अमीर अब भी बचे
आरजेडी ने यह भी कहा कि बाकी बचे 1% से भी कम गिरफ्तार लोग गैर-दलित, गैर-पिछड़ा और बाहरी राज्यों के हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक जब्त की गई शराब में 2.10 करोड़ लीटर विदेशी शराब और 1.76 करोड़ लीटर देशी शराब शामिल है।
विदेशी शराब कौन पी रहा है, और कौन बच रहा है?
पार्टी ने पूछा, जब इतनी भारी मात्रा में विदेशी शराब पकड़ी जा रही है, तो क्या गरीब लोग उसे खरीदकर पी सकते हैं? इसका सीधा जवाब है नहीं। तो फिर इसे कौन पीता है? आरजेडी का सीधा आरोप है कि विदेशी शराब अमीर लोग पीते हैं और लेकिन सरकार और पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती।