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शेख हसीना के विरोध में अग्रणी छात्राओं को अमेरिका का सम्मान, मिलेगा मेडेलीन अलब्राइट पुरस्कार

अमेरिका बांग्लादेश की उन बहादुर छात्राओं को मेडेलीन अलब्राइट मानद समूह पुरस्कार से सम्मानित करेगा, जिन्होंने शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। यह 1 अप्रैल 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग में आयोजित होगा, जहां प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो यह सम्मान प्रदान करेंगे।

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में नेतृत्व करने वाली महिला छात्राओं को अमेरिका के प्रतिष्ठित मेडेलीन अलब्राइट मानद समूह पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन महिलाओं को प्रदान किया जाता है जिन्होंने असाधारण साहस, शक्ति और नेतृत्व का परिचय दिया है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा स्थापित यह पुरस्कार पहली अमेरिकी महिला विदेश मंत्री मेडेलीन अलब्राइट के नाम पर रखा गया है।

अमेरिका बहादुर छात्राओं को करेगा सम्मानित

अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप मंगलवार को वार्षिक अंतरराष्ट्रीय साहसी महिला (IWOC) पुरस्कार समारोह में यह सम्मान प्रदान करेंगे।

पिछले साल जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान बांग्लादेश में छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। इस आंदोलन में महिलाओं ने अग्रणी भूमिका निभाई और धमकियों तथा हिंसा के बावजूद सुरक्षा बलों और पुरुष प्रदर्शनकारियों के बीच खड़े होकर असाधारण बहादुरी दिखाई। जब कई पुरुष प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया, तब इन महिलाओं ने इंटरनेट बंदी के बावजूद संवाद बनाए रखा और नए तरीके खोजकर विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहस की पहचान

अमेरिकी विदेश विभाग 2007 से अब तक 90 से अधिक देशों की 200 से अधिक महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय साहसी महिला पुरस्कार से सम्मानित कर चुका है। अमेरिका में स्थित राजनयिक मिशन अपने-अपने देशों से एक साहसी महिला को नामित करते हैं, जिसके बाद वरिष्ठ विभागीय अधिकारी अंतिम चयन करते हैं।

अन्य सम्मानित हस्तियां

इस वर्ष श्रीलंका की प्रख्यात खोजी पत्रकार नामिनी विजेदासा भी इस सूची में शामिल हैं। उन्होंने अपने देश में नागरिक संघर्ष के दौरान मानवीय क्षति की रिपोर्टिंग की और खोजी पत्रकारिता के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत अभियान चलाया। विजेदासा ने सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए पत्रकारों की अगली पीढ़ी को प्रेरित किया।

इसके अलावा, इस्राइल के अमित सौसाना भी सम्मानित होने वालों में शामिल हैं। उन्होंने हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले के दौरान बंधक के रूप में अपने अनुभवों को साझा किया और साहसपूर्वक उन लोगों की आवाज बने, जो अब भी कैद में हैं। उन्होंने दुनिया को यह बताने का प्रयास किया कि इस हमले के दौरान महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को किस तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

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अमेरिकी विदेश विभाग का बयान

विदेश विभाग ने कहा, “ये महिलाएं न केवल अपने देशों में बल्कि पूरे विश्व में साहस, नेतृत्व और बदलाव का प्रतीक बन चुकी हैं। उनकी निडरता और संघर्ष उन सभी के लिए प्रेरणा है जो न्याय और समानता के लिए लड़ रहे हैं।”

यह सम्मान न केवल इन बहादुर महिलाओं के संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि साहस और नेतृत्व किसी भी दबाव के आगे झुकते नहीं हैं।

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